Monday, October 28, 2019

Dost ki Badi Behan ko Choda

❤️ दोस्त की बड़ी बहन को चोदा ❤️

 कहानी पढ़ने वाले सभी लोगों को मेरा नमस्कार | मेरा नाम है अभिषेक लुल्लू और मैं आपको अपनी चुदाई की एक कहानी बताना चाहता हूँ | मैं दिल्ली का रहने वाला हूँ और आपको तो पता है दिल्ली कि लड़कियां कैसी होती है | मेरा भी पाला ऐसी ही लड़की से पड़ा था जो की मेरे दोस्त की बड़ी बहन थी | ये कहानी है जब मैंने पहली बार चुदाई की थी | अब मैं आपको अपनी कहानी बताता हूँ | मैं जब छोटा था तब मेरे घर के पास वाले दोस्त के यहाँ मेरा आना जाना बहुत होता था | मैं अक्सर उसके यहाँ खेलने जाया करता था और उसके यहाँ ही दिन भर खेलता रहता था | उसकी एक बड़ी बहन थी जो देखने में तो गज़ब की लगती थी लेकिन मैं तो उस वक़्त नादान था | वो दीदी मुझे कभी कभी मेरे लंड को पकड़ लेती थी और कभी कभी मेरी पैन्ट उतार देती थी | एक बार मैं अपने दोस्त के यहाँ ही सो गया था तो जैसे ही मेरी नींद हलकी सी टूटी तो मैंने देखा कि मेरी पैन्ट हलकी सी नीचे है और दीदी मेरे लंड को छू रही थी | जैसे ही मैं उठने को हुआ तो दीदी ने पैन्ट ऊपर कर दी और वहां से चली गई | दो तीन साल बाद दीदी कि शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई | मैं तब भी ज्यादा बड़ा नहीं था और कुछ साल बाद मुझे पता चला कि दीदी का तलाक हो गया है | अब दीदी अपने घर में ही रहती थी मतलब मेरे दोस्त के यहाँ | अब मैं कभी कभी अपने दोस्त के यहाँ जाता था और दीदी मुझे कम ही दिखाई देते थी | मैं ज्यादातर अपने दोस्त के यहाँ कंप्यूटर के गेम लेने जाता था | कुछ दिन बाद कंप्यूटर दीदी के कमरे में रख गया और मैं अब दोस्त के साथ दीदी के कमरे में ही बैठा रहता था | मैं अब कॉलेज में आ गया था और जिम भी जाने लगा था तो मैं देखने में अच्छा हो गया था | मैंने बहुत बार दीदी को मुझे हवस भरी निगाहों से मुझे देखते हुये देखा है | मैं जब भी दोस्त के यहाँ जाता था तो पहले उसको फ़ोन लगा लेता था लेकिन मुझे कुछ ज़रूरी काम था इसलिए मैंने अपने दोस्त को फ़ोन लगाया और कहा कि मुझे कुछ चाहिए है तेरे कंप्यूटर से, तो मैं तेरे घर जाके ले लेता हूँ | उसने कहा हाँ ठीक है चले जा और मैं उसके घर चला गया | जिस कमरे में कंप्यूटर रखा था वो दीदी का कमरा था और वो कमरा आखिरी में था | तो मैं अन्दर गया और जैसे ही मैं उस कमरे के पास पहुंचा तो मैंने किसी की सिसकियाँ सुनी | लेकिन मैंने आवाजों को उनसुना करके दरवाज़ा खटखटाया तो दीदी ने दरवाज़ा खोला | तो मैंने दीदी से कहा कि मुझे कंप्यूटर में कुछ काम था, तो दीदी कहा, हाँ आओ चिंटू (मेरे घर का नाम) | मैं जाके कंप्यूटर चलने लगा तो दीदी ने कहा कि इसमें कुछ प्रॉब्लम आ रही है तुम देख लो | तो मैंने पूछा कैसी प्रॉब्लम दीदी, तो वो आके मेरे बाजू में बैठ गई और मुझे बताने लगी | दीदी मुझे बताते हुए मुझे छू रही थी और अब मैं भी कमीना हो चुका था इसलिए मैं भी मज़े ले रहा था | ऐसे ही बात करते हुए मेरा हाँथ दीदी के दूध पर लग गया, तो मैंने कहा दीदी सॉरी | दीदी बोली कोई बात नहीं | फिर मैंने कहा दीदी मेरा काम हो गया है मैं जाता हूँ | तो दीदी ने मेरा हाँथ पकड़ के मुझे अपने पास बैठा लिया और कहा अच्छा रुको तो सारी बातें अपने दोस्त से ही करोगे क्या, उसकी दीदी से भी कुछ बात कर लिया करो | तो मैं वहीँ बैठ गया और हम बात करने लगे | फिर दीदी कुछ उठाने के लिए नीचे झुकी तो मुझे दीदी के दूध के दर्शन हो गए | मैं दीदी के दूध देख रहा था तो दीदी ने झट से सिर उठाके मुझे देखा, तो मैं इधर उधर देखने लगा | मुझे अब डर लगाने लगा तो मैं फिर वहां से चला गया | दीदी के दूध काफ़ी बड़े थे, तो मैं बार बार दीदी को चोदने के बारे में सोच रहा था और उनको सोच के मुट्ठ मार लेता था | मैं फिर बहुत दिन तक अपने दोस्त के यहाँ नहीं गया | तो कुछ दिन बाद मुझे दीदी का फ़ोन आया और उन्होंने मुझे अपने घर बुलाया और कहा कि कंप्यूटर में कुछ खराबी आ गई है तो तुम आके देख लो | वैसे तो मेरा दोस्त बाहर गया हुआ था इसलिए मुझे उसके घर जाना सही नहीं लग रहा था लेकिन दीदी ने बुलाया था इसलिए मैं चला गया | मैं सोच रहा था कि दीदी कहीं मुझे मारेगी तो नहीं ? मैं डरते हुए उनके घर पहुंचा और दीदी के कमरे में जाके कंप्यूटर देखने लग गया | दीदी मेरे पीछे ही बैठी थी तो दीदी ने मुझ से पूछा, क्यों हीरो तुम्हारी कोई है ? तो मैंने कहा नहीं है दीदी | तो दीदी हसने लगी और दबी आवाज़ में बोला फिर तो कभी सैक्स भी नहीं किया होगा | मैं शांत हो गया तो दीदी उठी और बोलने लगी कि तुम उस दिन जब मैं झुकी थी, तब तुम क्या देख रहे थे ? मैं एकदम से डर गया और कुछ नहीं बोला | तो दीदी मेरे सामने फिर से झुक गई और का क्या देख रहे थे फिर से देखो | मैं डरा हुआ था तो दीदी ने मेरा हाँथ पकड़ा और अपने दूध पे रख कर बोला यही देख रहे थे ना | मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आखिर हो क्या रहा है ? तो दीदी ने कुर्ती उतार दी और अपनी ब्रा नीचे करके बोला अब देखो अच्छे से | तो मैं दीह पैसे अपने पास रखो, मैंने उसे मना किया परंतु वह कहने लगी कि नहीं यह पैसे तुम ही रखो। एक दिन शीतल  दीदी अपने ऑफिस से जल्दी आ गई थी और वह अपने कमरे में ही लेटी हुई थी। वह बहुत ज्यादा गहरी नींद में थी उसने कुछ भी कपड़े नहीं पहने थे जब मैं घर पहुंचा तो मैंने देखा शीतल दीदी नंगी है। मैं जब उसके पास गया तो उसके बड़े बड़े स्तन देख कर मेरा मूड खराब हो गया। मैंने उसे उठाते हुए कहा कि तुम नंगी क्यों लेटी हुई हो वह कपड़े पहनने की कोशिश कर रही थी लेकिन मैंने उसे कपड़े नहीं पहनने दिए। मै उसके स्तनों को दबाने लगा  मुझे उसके स्तनों को दबाने में बड़ा अच्छा लग रहा था उसे भी बहुत अच्छा महसूस हो रहा था। मैंने जब उसके स्तन पर अपनी जीभ को लगाया तो वह पूरी उत्तेजित हो गई और कहने लगी कि तुम आज मेरी इच्छा पूरी कर दो काफी दिनों से मैंने अपनी चूत नहीं मरवाई है। मैंने उसे कहा ठीक है मैं तुम्हारी इच्छा पूरी कर देता हूं मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो उसने मेरे लंड को अपने गले के अंदर तक समा लिया और बड़े ही अच्छे से वह मेरे लंड को चूसने लगी। मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा था जब वह मेरे लंड को अपने गले तक ले रही थी और काफी समय तक उसने ऐसा ही किया। उसके बाद जब मैंने शीतल को डॉगी स्टाइल में बनाया तो मैंने उसकी गांड को चाटना शुरू कर दिया और बड़े अच्छे से मैं उसकी गांड को चाट रहा था। उसकी गांड का साइज 36 है और मैंने उसकी गांड और चूत को बहुत अच्छे से चाटा जिससे कि उसकी योनि से पानी बाहर निकलने लगा था मैं उसका पानी अपनी जीभ से अच्छे से चाटता। जब उससे बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं हुआ तो उसने मुझे कहा कि तुम मेरी चूत के अंदर अपने लंड को डाल दो मैंने जब अपने लंड को अपनी बहन की योनि के अंदर डाला तो उसे बड़ा अच्छा महसूस हुआ और वह चिल्लाने लगी। मुझे भी बड़ा अच्छा महसूस हो रहा था जब मैं उसे धक्के दे रहा था मैंने उसकी टाइट चूतड़ों को कस कर पकड़ा हुआ था और बड़ी तेज गति से उसे चोदे जा रहा था। उसे भी काफी आनंद आ रहा था और काफी देर तक मैंने उसे धक्के दिए लेकिन कुछ समय बाद वह झड़ गई और उसने अपने दोनों पैरों को आपस में मिला लिया। मैं भी ज्यादा समय तक उसकी टाइट चूत को बर्दाश्त नहीं कर पाया और मेरा भी वीर्य पतन उसकी योनि में हो गया। जैसे ही मेरा माल गिरा तो मैंने उसकी योनि से अपने लंड को निकाला और उसकी गांड के छेद को देखकर मेरा मन खराब हो गया। मैंने अपने लंड को हिलाते हुए शीतल की गांड के अंदर डाल दिया। जैसे ही मेरा लंड मेरी बहन की गांड में घुसा तो वह चिल्ला उठी और कहने लगी तुमने तो मेरी गांड भी फाड़ कर रख दी। मैंने उसे कहा कि अब मैं तुम्हें बड़ी तेजी से धक्के दूंगा मैंने उसे बड़ी तेज तेज धक्के मारे जिससे कि मेरा लंड बुरी तरीके से छिल चुका था लेकिन उसकी गांड के छेद से कुछ ज्यादा ही गर्मी बाहर आने लगी। मैं उसकी टाइट गांड को ज्यादा समय तक नहीं झेल पाया जब मेरा वीर्य पतन हुआ तो मैंने अपने लंड को बाहर निकालते हुए उसकी बड़ी बड़ी चूतडो मे गिरा दिया

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